शब्द का अर्थ
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पितृहूय :
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पुं० [सं० पितृ√ह्वे+क्यप् ?] श्राद्ध आदि कार्यों के समय पितरों का आह्वान करना। पितरों को बुलाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पितृहूय :
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पुं० [सं० पितृ√ह्वे+क्यप् ?] श्राद्ध आदि कार्यों के समय पितरों का आह्वान करना। पितरों को बुलाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |