शब्द का अर्थ
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प्रसाधन :
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पुं० [सं० प्र√साध्+णिच्+युच्—अन] १. किसी (व्यक्ति) को सजाने के लिए वस्त्र, अलंकार आदि पहनाना। श्रृंगार करना। सजाना। २. कंघी से सिर के बाल झाड़ना। ३. वे कार्य जो शरीर सजाने अथवा उसका रूप या सौंदर्य बढ़ाने के लिये किये जाते हैं। ४. उक्त प्रकार के कार्यों के लिए उपयोगी आवश्यक सामग्री। (टॉयलेट)। ५. वेश-भूषा। ६. ठीक तरह से कोई काम पूरा करना। कार्य का सम्पादन। ७. किसी चीज को अच्छी तरह काट-छाँटकर अथवा परिष्कृत करके काम में आने के योग्य बनाना। (ड्रेसिंग) ८. वे पदार्थ सा सामग्री जो किसी काम के लिए आवश्यक और उपयोगी होते हैं। उपस्कर। सज्जा। (इक्विपमेन्ट) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रसाधनी :
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स्त्री० [सं० प्रसाधन+ङीप्] कंघी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |