शब्द का अर्थ
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फड़कना :
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अ० [अनु०] १. इस प्रकार बार-बार नीचे ऊपर या इधर-उधर हिलना कि फड़-फड़ शब्द हो। २. शरीर के किसी अंग में स्फुरण होना। अंग का वायु-विकार आदि के कारण रह-रहकर थोड़ा उभरना और दबना। जैसे—आँख या कंधा फड़कना। मुहावरा—(किसी की) बोटी-बोटी फड़कना=(किसी का) बहुत अधिक चंचल होना। ३. कोई बहुत बढ़िया या विलक्षण चीज देखकर या बात सुनकर मन में उक्त प्रकार का स्फुरण होना जो चीज या बात के विशेष प्रशंसक होने का सूचक होता है। संयो० क्रि०—उठना।—जाना। ४. पक्षियों के पर हिलना। फड़फड़ाना। अ०=फटकना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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