शब्द का अर्थ
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बिसाह :
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पुं० [सं० व्यवसाय] बिसाहने की क्रिया या भाव। विश्वास (पश्चिम)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बिसाहन :
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पुं० [हिं० बिसाहना] मोल लेने की वस्तु। काम की वह चीज जो खरीदी जाय। सौदा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बिसाहना :
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स० [हिं० बिसाह] १. दाम देकर कोई वस्तु लेना। क्रय करना। २. जान-बूझकर अपने पीछे या साथ लगाना। जैसे—किसी से पैर बिसाहना। पुं० १. बिसाहने की क्रिया या भाव। २. मोल लेना। खरीदना। उदाहरण—पूरा किया बिसाहना बहुरि न आवै हद।—कबीर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बिसाहनी :
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स्त्री० [हिं० बिसाहना] १. क्रय-विक्रय का काम। व्यापार। २. मोल ली जाने वाली चीजें। |
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समानार्थी शब्द-
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बिसाहा :
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पुं० [हिं० बिसाहना] वह वस्तु जो मोल ली जाय। सौदा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |