शब्द का अर्थ
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मेल :
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पुं० [सं०√मल् (मिलना)+घञ्] १. मिलने या मिले हुए होने की अवस्था या भाव। जैसे—यह रंग तीन रंगों के मेल से बनता है। २. दो या अधिक वस्तुओं, व्यक्तियों आदि का एक साथ या एक स्थान पर इकट्ठा होना। मिलाप। संयोग। समागम। जैसे—इसी स्टेशन पर दोनों गाड़ियों का मेल होता है। ३. सामाजिक व्यवहार में वह स्थिति जिसमें लोग प्रीतिपूर्वक साथ रहते अथवा आपस में मिलते-जुलते हैं। जैसे—दोनों भाइयों में बहुत मेल है। पद—मेल-जोल, मेर-मिलाप, मेल-मुहब्बत। ४. वह स्थिति जिसमें वैर-विरोध या शत्रुता छोड़कर लोग फिर एक साथ होते या रहते हैं। प्रेम और मित्रता का सम्बन्ध। जैसे—अब तो दोनों राष्ट्रों में मेल हो गया है। ५. पारस्परिक अनुकूलता, उपयुक्तता या सामंजस्य। जैसे—दूध और नमक (या टोप और धोती) का कोई मेल नहीं हैं। क्रि० प्र०—बैठना।—मिलना। मुहावरा—मेल खाना=किसी के साथ अनुकूल या उपयुक्त जान पड़ना या सिद्ध होना। उपयुक्त या ठीक साथ होना। जैसे—(क) इस माला के मोतियों से तुम्हारा मोती मेल नही खाता। (ख) इस कोट के रंग के साथ टोपी का रंग मेल नही खाता। ६. जोड़। बराबरी। समता। जैसे—इसी मेल का कोई और कपड़ा लाओ। पद—मेल का=जोड़ या बराबरी का। ७. पदार्थों का वर्ग। जैसे—उनके यहाँ सब मेल की किताबें (या दवाइयाँ) मिलती हैं। ८. किसी अच्छी या बढ़िया चीज में खराब या घटिया चीज के मिले हुए होने की अवस्था या भाव। मिलावट। जैसे—आज-कल खाने-पीने की चीजों में कुछ न कुछ मेल रहता ही है। स्त्री० [अं०] १. रेलवे की डाकगाडी। २. डाकखाने के द्वारा आने-जानेवाली चिट्ठियाँ, पारसल आदि जो प्रायः डाकगाड़ी से आते-जाते हैं। डाक। |
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समानार्थी शब्द-
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मेलक :
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वि० [सं०√मिल् (मिलना)+णिच्+ण्वुल्-अक] मिलाने या मेल करनेवाला। पुं० [मेल+कन्] १. संग। साथ। २. सहवास। ३. मेला। ४. आदमियों का जमावड़। समूह। ५. मिलन। समागम। ६. वर तथा कन्या के ग्रहों, नक्षत्रों, राशियों आदि का होनेवाला मिलान। |
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मेलगर :
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पुं० [सं० मेलक] १. भीड़। जमावड़ा। २. मेला। |
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मेल-जोल :
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पुं० [हिं० मिलना+जुलना] [वि० मेली-जोली] १. व्यक्तियों के परस्पर प्रायः मिलते-जुलते रहने का भाव। २. प्रायः मिलते जुलते रहने के फलस्वरूप दो पक्षों में होनेवाला आत्मीयतापूर्ण सम्बन्ध। |
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मेलन :
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पुं० [सं०√मिल् (मिलना)+ल्युट-अन] १. एक साथ होना। इकट्ठा होना। मिलन। २. [√मिल्+णिच्+ल्युट-अन] मिलाने की क्रिया या भाव। ३. मिलावट। ४. आदमियों का जमावड़ा। समूह। ५. मुठभेड़। |
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मेलना :
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स० [हिं० मेल+ना (प्रत्यय)] १. मिलान करना। २. मिलाना या मिश्रित करना। ३. किसी चीज के अन्दर, ऊपर या चारों ओर पहनाना या रखना। उदाहरण—सिय जय-माल राम उर मेली।—तुलसी। ४. कोई चीज कहीं पहुँचाना या भेजना। उदाहरण—काजी होके बाँग मेले जो क्या साहब बहरा है।—कबीर। ५. फेंकना। ६. फैलाना। अ० किसी चीज या व्यक्ति का कहीं पहुँचना। उदाहरण—जस-सागर रघुनाथ जू मेले सागर तीर। |
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मेल-मल्लार :
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पुं० [सं०] एक प्रकार की संकर रागिनी। |
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मेल-मिलाप :
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पुं० [हिं] १. मेल-जोल। २. रुष्ट या वियुक्त पक्षों में होनेवाला मिलन या मेल। पद—मेल-मिलाप में=मैत्रीपूर्ण ढंग से। |
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मेला :
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पुं० [सं० मेलक] १. उत्सव, देव-दर्शन आदि के अवसरों पर बहुत से लोगों का किसी स्थान पर एक साथ होनेवाला जमाव। २. वस्तुओं, विशेषतः चौपायों के क्रय-विक्रय के निमित्त किसी विशिष्ट स्थान पर तथा किसी विशिष्ट ऋतु में होनेवाला व्यापारियों का जमावड़ा। जैसे—ददरी या हरिद्वार का मेला। पद—मेला-ठेला। ३. किसी तीर्थ-स्थान या पर्व पर होनेवाला लोगों का जमाव। जैसे—माघ मेला। ४. किसी स्थान पर किसी चीज को देखने अथवा किसी बात को सुनने के लिए लगनेवाली लोगों की भीड़। जैसे—बात की बात में वहाँ मेला लग गया। क्रि० प्र०—लगना। ५. दे० प्रदर्शिनी। जैसे—औद्योगिक मेला। स्त्री० [सं०√मिल्+णिच्+अङ्+टाप्] १. बहुत से लोगों का जमावड़ा। २. मिलन। ३. रोशनाई। स्याही। ४. आँखों में लगाने का अंजन। ५. महानीली |
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मेला-ठेला :
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पुं० [हिं० मेलना+हिं० ठेलना] मेला अथवा कोई ऐसा सार्वजनिक स्थान जहाँ भीड़-भाड़ और धक्कम-धक्का हो। |
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मेलान :
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पुं० [हिं० मिलना] पड़ाव। मंजिल। उदाहरण—ओहिं मेलान जब पहुँचिहिं कोई।—जायसी। पुं०=मिलान।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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मेलाना :
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स० [हिं० मेल] १. मेलना या प्रेरणार्थक रूप। मेलने का काम दूसरे से कराना। २. रेहन रखी हुई वस्तु को छुड़ाना। स०=मिलान।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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मेलापक :
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वि० [सं० मेलक] १. मिलानेवाला। २. इकट्ठा करनेवाला। पुं० १. भीड़-भाड़। जमावड़ा। २. ग्रहों का योग। |
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मेलायन :
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पुं० [सं० मिलन] १. मिलन। २. संयोग। समागम। |
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मेली :
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वि० [हिं० मेल] १. जिससे मेल या मेल-जोल हो। २. (वह) जो जल्दी दूसरों से हिल-मिल जाता हो। यार-बाश। |
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मेल्हना :
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अ० [?] १. कष्ट या पीड़ा से बार-बार इस करवट से उस करवट होना। छटपटाना। २. कोई काम करने में आनाकानी करके समय बिताना पुं० एक प्रकार की नाव। स०=मेलना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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