शब्द का अर्थ
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मोटा :
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वि० [सं० मुष्ट] १. अपेक्षाकृत अधिक स्थूल-काय फलतः जिसमें अधिक मांस तथा चरबी हो। ‘दुबला’ का विरुद्धार्थक। पद—मोटा-झोटा या मोटा-ताजा=हृष्ट-पुष्ट। २. जिसमें घनता अधिक हो। ‘पतला’ का विरुद्धार्थक। ३. जिसकी गोलाई का घेरा प्रसम या साधारण से अधिक हो। मुहावरा—मोटा दिखाई देना= आँखों की ज्योति में ऐसी कमी होना जिसमें छोटी या बारीक चीजें न दिखाई दें। बहुत कम और केवल मोटी चीजें दिखाई देना। ४. जिसके कण बहुत अधिक छोटे या बारीक न हों। जैसे—मोटा आटा, मोटा बालू, मोटा बेसन। ५. जो परिमाण, मान आदि में, साधारण से अधिक उत्तम या यथेष्ट हो। जैसे—मोटा असामी=धनवान या सम्पन्न व्यक्ति। मोटा भाग्य=अच्छा भाग्य या सौभाग्य। मोटा भार=बहुत अधिक भार। मोटी हानि=बहुत अधिक हानि। ६. जिसमें विशेष उत्तमता, कोमलता, प्रशंसनीय, सूक्ष्मता आदि गुणों का अभाव हो। और इसीलिए जो घटिया, बुरा या महत्त्वहीन माना जाता हो। जैसे—मोटा अनाज, मोटी उपमा, मोटी बुद्धि, मोटे वस्त्र। पद—मोटा-झोटा=बहुत ही घटिया या साधारण। ७. (बात या विषय) जो साधारण बुद्धि का आदमी भी सहज में समझ सकें। जिसे जानने या समझने में विशेष बुद्धि की आवश्यकता न हो। जैसे—मोटी बात, मोटी भूल। मुहावरा—मोटे तौर पर या मोटे हिसाब से=बिना ब्योरे की बातों का अथवा सूक्ष्म विचार किए हुए। जैसे—मोटे हिसाब से इस बात में सौ रुपए खर्च होगें। पद—मोटी चुनाई=बिना गढे हुए और बेडौल पत्थरों की (दीवार के रूप में होनेवाली) चुनाई या जोड़ाई। ८. लाक्षणिक रूप में धन, बल, आदि की अधिकता के कारण अपने आपको बड़ा समझनेवाला फलतः अभिमानी या घमंडी (व्यक्ति)। जैसे—अब तो वह मोटा हो चला है, जल्दी किसी से बात नहीं करता। पुं० [?] करैली या काली मिट्टीवाली जमीन। पुं० =मोट (बड़ी गठरी)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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मोटाई :
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स्त्री० [हिं० मोटा+आई (प्रत्यय)] १. मोटे होने की अवस्था या भाव। २. किसी वर्गाकार वस्तु की लंबाई और चौड़ाई से भिन्न भाग का माप। जैसे—इस लकड़ी की मोटाई तीन इंच हैं। ३. घन आदि की अधिकता के फलस्वरूप किसी के व्यवहार से प्रकट होनेवाली अहं-भावना, आलस्य या ओछापन। मुहावरा—मोटाई चढ़ना=धनवान आदि बनने पर घमंडी, ओछा तथा आलसी बनना। मोटाई झड़ना या निकलना=अहंभाव का जाते रहना। |
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मोटाना :
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अ० [हि०मोटा+आना (प्रत्यय)] १. मोटा होना। स्थूलकाय होना। २. धनवान् या संपन्न होना। ३. फलतः अभिमानी या घमंडी और आलसी होना। स०ऐसा काम करना जिससे कुछ या कोई मोटा हो। |
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मोटापन :
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पुं० [हिं० मोटा+पन (प्रत्यय] मोटे होने की अवस्था या भाव। दे० ‘मोटाई’। |
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मोटापा :
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पुं० [हि०मोटा+पा (प्रत्यय)] मोटे अर्थात् स्थूलकाय होने की अवस्था या भाव। मोटापन। मोटाई। |
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मोटा-मोटी :
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क्रि० वि० [हि० मोटा] स्थूल गणना के विचार से। मोटे हिसाब से। |
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