शब्द का अर्थ
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वल्क :
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पुं० [सं०√वल्+क, नि०] १. पेड़ की छाल। वल्कल। २. मछली के ऊपर का चमकीला छिल्का। मछली की चोई। |
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समानार्थी शब्द-
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वल्क-द्रुम :
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पुं० [सं० मध्य० स०] भोज पत्र का वृक्ष। |
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वल्कल :
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पुं० [सं०√वल्+कलन्] १. पेड़ों के धड़ और काण्ड पर का आवरण। छाल। २. प्राचीन काल में वह छाल जो जंगली लोग, तपस्वी आदि कपड़े की तरह ओढ़ते-पहनते थे। ३. एक दैत्य। ४. ऋग्वेद की वाष्कल नामक शाखा। |
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वल्कला :
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स्त्री० [सं० वल्कल+टाप्] १. एक प्रकार का सफेद पत्थर जिसका गुण शीतल और शान्तिकारक माना जाता है। शिला वल्का। २. तेजबल नामक वनस्पति। |
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वल्कली (लिन्) :
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वि० [सं० वल्कल+इनि] (पेड़) जिसकी छाल ओढ़ने पहनने के काम आती है। |
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