शब्द का अर्थ
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वाजश्रव :
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पुं० [सं०] एक गोत्र प्रवर्तक ऋषि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वाजश्रवा (वस्) :
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पुं० [सं०] १. अग्नि। २. एक गोत्र प्रवर्तक ऋषि ३. एक ऋषि जिनके पुत्र का नाम ‘नचिकेता’ था और जो अपने पिता के क्रुद्ध होने पर यमराज के पास ज्ञान प्राप्त करने गये थे। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |