शब्द का अर्थ
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वासुंधरेयी :
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स्त्री० [सं० वासुन्धरेय+ङीष्] सीता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वासु :
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पुं० [सं०] १. विष्णु। २. आत्मा। ३. परमात्मा। ४. पुनर्वसु। नक्षत्र। |
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वासुकि :
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पुं० [सं० वासु√कै+क+इञ्] १. आठ नाग राजाओं में से एक जो कश्यप के पुत्र माने जाते हैं तथा जिनका उपयोग समुद्र-मन्थन के समय रस्सी के रूप में किया गया था। २. एक प्राचीन देवता। |
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वासुकेय :
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वि० [सं०] वासुकि-सम्बन्धी। पुं०=वासुकि। |
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वासुदेव :
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पुं० [सं०] १. वसुदेव के पुत्र श्रीकृष्णचन्द्र। २. पीपल का पेड़। |
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वासुदेवक :
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पुं० [सं० वासुदेव+कन्] वासुदेव या श्रीकृष्ण के उपासक। |
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वासुदेव-धर्म :
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पुं० [सं०] वि० पू० चौथी, पाँचवी शती का एक धार्मिक संप्रदाय जो वासुदेव या श्रीकृष्ण का उपासक था। यह ‘एकांतिक धर्म’ का विकसित रूप था। |
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वासुभद्र :
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पुं० [सं०] वासुदेव। श्रीकृष्णचन्द्र। |
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वासुर :
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पुं०=वासर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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वासुरा :
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स्त्री० [सं० वास+उरण्+टाप्] १. स्त्री। २. हथनी। ३. जमीन। भूमि। ४. रात। रात्रि। |
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