शब्द का अर्थ
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व्याम :
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पुं० [सं० वि√अम्+घञ्] १. उतनी दूरी या लम्बाई जितनी दोनों हाथ अलग-बगल खूब फैला देने पर एक हाथ की उँगलियों के सिरे से दूसरे हाथ की उँगलियों के सिरे तक होती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
व्यामिश्र :
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पुं० [सं० वि+आ√मिश्र्+अच्] दो प्रकार के पदार्थों या कार्यों को एक में मिलाने की क्रिया। वि० १. किसी के साथ मिला या मिलाया हुआ। २. अनेक प्रकारों से युक्त। ३. क्षुब्ध। ४. अन्यमस्क। ५. संदिग्ध। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
व्यामोह :
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पुं० [सं० वि+आ√मुह् (मुग्ध होना)+घञ्] १. विशेष रूप से होनेवाला मोह। २. ऐसी मानसिक अवस्था जिसमें घबराहट के कारण मनुष्य अपना कर्त्तव्य स्थिर करने में असमर्थ हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |