शब्द का अर्थ
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संकार :
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पुं० [सं० सम√ कृ (करना)+घञ्] १. कूड़ा-करकट। २. वह धूल जो झाड़ू से उड़े। ३. आग के जलने का शब्द। स्त्री० [हिं० सँकारना] १. सँकारने की क्रिया या भाव। २. इशारा संकेत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सँकारना :
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स० [हिं० संकार+ना (प्रत्यय)] संकेत करना। इशारा करना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सँकारा :
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पुं०=सकारा (प्रातःकाल)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |