शब्द का अर्थ
|
समवाय :
|
पुं० [सं०] [भाव० समवायत्व, समवायता] १. समूह। झुंड। २. ढेर। राशि। ३. मेल। संयोग। ४. आपस में होनेवाला अभेद्य घनिष्ठ और नित्य संबंध। ५. न्यायदर्शन में तीन प्रकार के संबंधों में ऐसा संबंध जो सदा एकसा बना रहता हो और जिमसें कभी अंतर न पड़ता हो। नित्य संबंध। जैसा—अंग और अंगी अथवा गुण और गुणी में समवाय संबंध होता है। ६. कोई ऐसा संबंध जो सदा एक सा बना रहता हो। ७. कुछ विशिष्ट नियमों के अनुसार बनी हुई वह व्यापारिक संस्था जिसके हिस्सेदारों को अपनी लगाई पूँजी के अनुपात से नफे या ला का अंश मिलता हो। (कम्पनी)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
समवायिक :
|
वि० [सं० समवाय+ठक्-इक] १. समवाय सम्बन्धी। समवाय का। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
समवायी (यिन्) :
|
वि० [सं०] १. किसी के साथ समवाय संबंध रखनेवाला। २. जो इकट्ठा करके ढेर के रूप में लगाया हो। पुं० १. अंग। अवयव। २. साझेदार। हिस्सेदार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |