शब्द का अर्थ
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सुबह :
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स्त्री० [अ०] १. दिन के निकलने का समय। सबेरा। मुहा०–सुबह-शाम करना=(क) किसी प्रकार जीवन के दिन बिताना। (ख) बार बार यह कहकर टालना कि आज संध्या को अमुक काम कर देंगे, कल सबेरे कर देंगे। टाल-मटोल करना। २. व्यापक अर्थ में मध्याह्व से पहले तक का समय। जैसे-कालेज आजकल सुबह का है। ३. आरंम्भिक अंश। जैसे–जिंदरी की सुबह। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सुबह-दम :
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अव्य० [अ० सुबह+फा० दम] बहुत सबेरे। तड़के। |
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सुबहान :
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पुं० [अ०] ईश्वर का पवित्र भाव से स्मरण करना। लोक में ‘सुभान’ के रूप में प्रचलित। |
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सुबहान अल्ला :
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अव्य० [अ०] जिसका अर्थ है–मैं ईश्वर को पवित्र ह्वदय से स्मरण करता हूँ; और जिसका प्रयोग प्रशंसात्मक रूप में विशेष आश्चर्य या हर्ष प्रकट करने के लिए होता है। |
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सुबहानी :
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वि० [अ०] ईश्वरीय। |
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सुबही :
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वि० [अ० सुबह+ही (प्रत्य०)] सुबह का। जैसे–सुबही तारा। |
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