शब्द का अर्थ
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सेवाय :
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अव्य०=सिवा (अतिरिक्त)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सेवायत :
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पुं० [हिं० सेवा] वह जो किसी देव मूर्ति की सेवा आदि के काम पर नियुक्त हो।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |