शब्द का अर्थ
|
सैंह :
|
वि० [सं०] १. सिंह संबंधी। सिंह का। २. सिंह की तरह। क्रि० वि०=सौंह (सामने)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सैंहथी :
|
स्त्री०=सैंथी (बरछी)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सैंहल :
|
वि० [सं०] [सं० सैंहली] सिंहली। (दे० ) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सैंहली :
|
स्त्री० [सं०] सिंहली पीपल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सैंहिक :
|
पुं० [सं०] सिंहिका से उत्पन्न, राहू। वि० =सैंह। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सैंहिकेय :
|
पुं० [सं०] (सिंहिका के पुत्र) राहु। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सैंहूँ :
|
पुं० [हिं० गेहूँ का अनु०] गेहूँ के वे दाने जो छोटे, काले और बेकार होते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |