शब्द का अर्थ
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सोरठा :
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पुं० [सं० सौराष्ट्र, हिं० सोरठ (देश)] अड़तालीस मात्राओं का एक छंद जिसके पहले और तीसरे चरण मे ग्यारह-ग्यारह और दूसरे तथा चौथे चरण में तेरह-तेरह मात्राएँ होती हैं। इसके समचरणों मे जगण का निषेध है। दोहे के चरणों को आगे पीछे कर देने से सोरठा हो जाता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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