शब्द का अर्थ
|
सौनंद :
|
पुं० [सं०] बलराम के मूसल का नाम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सौनंदी (दिन्) :
|
पुं० [सं०] सौनंदधारी बलराम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सौन :
|
वि० [सं०] १. सून या सूना से संबंध रखनेवाला। २. पशु—पक्षियों के वध या हत्या से संबंध रखनेवाला। पुं० १. कसाई। बूचड़। २. बिल्ली के लिए रखा हुआ ताजा मांस। अव्य० [सं० सम्मुख] प्रत्यक्ष। सामने।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सौनक :
|
पुं० =शौनक (ऋषी)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सौनन :
|
स्त्री० =सौंदन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सौनहोत्र :
|
पुं० =शौनहोत्र। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सौना :
|
पुं० =सोना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) पुं० =सौंदन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सौनाग :
|
पुं० [सं०] वैयाकरणों की एक शाखा, जिसका उल्लेख पतंजलि के महाभाष्य में है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सौनामि :
|
पुं० [सं०] वह जो सुनाम के गोत्र से उत्पन्न हुआ हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सौनिक :
|
पुं० [सं०] १. माँस बेचनेवाला। कसाई। वैतंसिक। मांसिक। २. बहेलिया। ब्याध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सौनीतेय :
|
पुं० [सं०] सुनीति के पुत्र, ध्रुव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सौनसेन :
|
पुं० =शूरसेन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) पुं० [सं० शौरसेन] आधुनिक ब्रजमंडल। शौरसेन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |