शब्द का अर्थ
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स्पंदन :
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पुं० [सं०] [भू० कृ० स्पंदित] १. रह-रहकर धीरे-धीरे हिलना या काँपना। २. जीवों के शरीर में रक्त प्रवाह या संचार के कारण कुछ रुक-रुककर होनेवाली वह लपक गति जो हृदय के बार–बार फूलने और संकुचित होने के आघात या खटक के रूप में उत्पन्न होता है। (बीट) जैसे–नाड़ी या हृदय का स्पंदन। ३. भौतिक क्षेत्रों में किसी प्रक्रिया से होनेवाला उक्त प्रकार का व्यापार या स्थिति। फड़क। (पल्सेशन) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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