शब्द का अर्थ
|
स्रज :
|
पुं० [सं०] एक विश्वदेवा का नाम। स्त्री०=स्रक् (माला)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
स्रजन :
|
पुं० [सं० सर्जन] रचना या सृष्टि करना। सर्जन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
स्रजना :
|
स०=सृजना (सृष्टि करना)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |