वेदान्त >> वेदान्त पर स्वामी विवेकानन्द के व्याख्यान वेदान्त पर स्वामी विवेकानन्द के व्याख्यानस्वामी विवेकानन्द
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स्वामी जी द्वारा अमेरिका और ब्रिटेन में वेदान्त पर दिये गये व्याख्यान
अतएव हमने देखा कि पहले की अनुभूतियाँ न रहने से कोई नयी अनुभूति प्राप्त करना असम्भव है, क्योंकि उस नयी अनुभूति से तुलना करने के लिए कुछ भी नहीं मिल सकेगा। अतएव यदि कुछ यूरोपीय दार्शनिकों का यह मत कि पैदा होते समय बच्चा संस्कारशून्य मन लेकर आता है, सच हो तो फिर वह बौद्धिक शक्ति अर्जित ही नहीं कर सकेगा, क्योंकि नयी अनुभूति मिलाने के लिए उसमें कोई संस्कार ही नहीं है। हम यह भी जानते हैं कि हर व्यक्ति की ज्ञानार्जन की क्षमता भिन्न होती है। इससे सिद्ध होता है कि हम सब अपने पृथक् ज्ञान-भाण्डार के साथ आते हैं। ज्ञान केवल अनुभव से प्राप्त होता है, जानने का और कोई दूसरा उपाय नहीं है। हम मृत्यु का भय सर्वत्र देख पाते हैं, पर क्यों? अभी पैदा हुआ मुर्गी का बच्चा चील को आते देख अपनी माँ के पास भाग जाता है। उसने कहाँ से तथा कैसे सीखा कि चील मुर्गी के बच्चों को खा जाती है?
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