|
वेदान्त >> वेदान्त पर स्वामी विवेकानन्द के व्याख्यान वेदान्त पर स्वामी विवेकानन्द के व्याख्यानस्वामी विवेकानन्द
|
|
||||||
स्वामी जी द्वारा अमेरिका और ब्रिटेन में वेदान्त पर दिये गये व्याख्यान
वेदान्त-दर्शन का एक मात्र विषय है - एकत्व की खोज। हिन्दू मन वस्तुविशेष के लिए परवाह नहीं करता, वह तो सदैव सामान्य की, यही क्यों, सार्वभौमिक की खोज करता है। "वह क्या है, जिसके जान लेने से सब कुछ जाना जा सकता है?" यही एक विषयवस्तु है। जिस प्रकार मिट्टी के एक ढेले को जान लेने पर मिट्टी से बनी हुई समस्त वस्तुओं को जान लिया जाता है, उसी प्रकार ऐसी कौन-सी वस्तु है, जिसे जान लेने पर समस्त विश्व को जाना जा सकता है? यही एक खोज है। हिन्दू दार्शनिकों के मतानुसार, समस्त जगत् का विश्लेषण करके उसे 'आकाश' में पर्यवसित किया जा सकता है। हम अपने चारों ओर जो कुछ देखते हैं, अनुभव करते हैं, छूते हैं, आस्वादन करते हैं, वह सब इसी आकाश की विभिन्न अभिव्यक्ति मात्र है। यह आकाश सूक्ष्म और सर्वव्यापी है। ठोस, तरल और वापीय सब प्रकार के पदार्थ, सब प्रकार के रूप, शरीर, पृथ्वी, सूर्य, चन्द्र, तारे- सब इसी आकाश से निर्मित हैं।
|
|||||






